दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के कमालूर में नक्सलियों के हाथों मारे गए जिंदल कंपनी के ठेकेदार का शव लेने नक्सल एंबुश की आशंका को देखते हुए पुलिस मौके पर पूरे एक दिन तक नहीं पहुंची। इसके बाद गुरुवार की सुबह दिवंगत कांग्रेस नेता महेन्द्र कर्मा के बेटे छबिन्द्र अपने कुछ साथियों के साथ घटना स्थल पहुंचे और ठेकेदार का शव वहां से लेकर दंतेवाड़ा आए। छबिन्द्र ने शव पुलिस के सुपूर्द कर दिया है।
बुधवार की सुबह जिंदल कंपनी के ठेकेदार गणेश नायडू की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। नक्सलियों ने ठेकेदार की हत्या करने के बाद शव को एक पेड़ के नीचे रख दिया था और वहां पर बहुत सी पर्चियां फेंकी थीं, जिनमें उद्योगपतियों-पूंजीपतियों के विरोध की बात कही गई थी।
पुलिस को घटना की जानकारी मिलने के बावजूद मौके पर पूरे 24 घंटे तक पुलिस नहीं पहुंची। स्थिति को देखते हुए पुलिस को आशंका थी कि वहां नक्सली एंबुश लगाकर बैठे हो सकते हैं या फिर शव के आस-पास आईईडी इन्प्लांट किए गए हों। शव को लाने के लिए फोर्स मौके पर नहीं पहुंच पाई। इसके बाद गुरुवार को छबिन्द्र कर्मा अपने कुछ साथियों के साथ वहां पहुंचे और शव को वहां से लेकर आए। दंतेवाड़ा के भांसी थाना से 8 किलोमीटर दूर शव पड़ा मिला।
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