रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान पूर्ण हो गया लेकिन सभी यह कयास लगा रहे हैं कि किस पार्टी की ज्यादा सीटें आएंगी? वैसे तो इस तरह के ज्यादा गुणा भाग पत्रकार राजनीतिज्ञ करते थे, लेकिन इस बार अप्रत्याशित रूप से किसान की दिलचस्पी सरकार बनने बिगड़ने में ज्यादा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कई जिलों के किसानों ने धान की विक्री रोक दी हैं साथ ही जिन किसानों के संबंध बस्तर, राजनांदगांव क्षेत्र में है वो अपने रिश्तेदारों से फ़ोन कर पूछ रहे हैं वहाँ क्या स्थिति है? माहौल लेने के बाद धान की बिक्री रोक कर रखने का निर्णय ले रहे हैं।
कांग्रेस द्वारा 2500 रुपये समर्थन मूल्य देने की घोषणा का असर सबसे ज्यादा किसानों में दिखाई दे रहा है। किसान अब 2500 रुपये में धान बेचने की प्रतीक्षा रहे हैं।
बता दें कि 2013 के चुनाव में भी धान का समर्थन मूल्य और बोनस सबसे बड़ा मुद्दा था। कांग्रेस ने 2000 रुपये समर्थन मूल्य देने की घोषणा की थी वही भाजपा ने तुरंत ही 2100 रुपये समर्थन मूल्य और 300 रुपये बोनस प्रति कुंटल देने का वादा कर दिया था, जिसके बाद किसानों का भाजपा की तरफ जबरजस्त रुझान देखने को मिला था। हालांकि पांच सालों में यह घोषणा पूरी नही हो पाई। बोनस भी पूरे पांच साल नही मिल पाया। जिसका लाभ लेते हुए इस बार कांग्रेस ने सीधा 2500 रुपये समर्थन मूल्य के साथ भाजपा के कार्यकाल का बकाया बोनस देने की भी घोषणा कर किसानो को अपने पाले में लाने की कोशिश की है। अगर सभी जिलों से आ रही खबर पूरी तरह सही है तो धान खरीदी का मुद्दा इस बार भी बड़ा चमत्कार कर सकता है।
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