रायपुर। खेतों में पर्याप्त सिंचाई व्यवस्था के साथ बेहतर पैदावार हो, इसके लिए किसान समृद्धि नलकूप योजना के तहत खेतों में नलकूप खनन एवं सिंचाई पंप लगाने की व्यवस्था है, लेकिन लगातार गिर रहे जल स्तर से योजनाओं का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। वहीं एक बोरवेल से दूसरे की दूरी 300 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए। इसके चलते सीमित रकबे वाले किसान योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं।
ज्ञात हो कि रायपुर जिले में धरसींवा ब्लॉक के अंतर्गत तिल्दा, आरंग के कुछ गांवों को छोड़कर कई गांवों में भूजल स्तर लगभग 400 से 600 फीट तक पहुंच गया है। वर्ष 18-19 में योजना के तहत केवल एक कृषक के खेत में बोरवेल व सिंचाई पंप लग पाया है। पिछले तीन वर्षों में लगभग 53 किसानों ने आवेदन किया, जिनमें से 31 आवेदकों के खेतों में बोर हो पाया, लेकिन पंप नहीं लग पाया है।
300 मीटर की दूरी बाधा
धमतरी के कृषक की माने तो किसान समृद्धि नलकूप योजना का लाभ अधिकतर किसानों को इसलिए नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि इसके लिए शासन ने बंधन रखा है कि एक बोरवेल से दूसरे की दूरी 300 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए।
इसके चलते सीमित रकबे वाले किसान योजना का लाभ ले नहीं पाते हैं। इसके अलावा बिजली विभाग की स्वीकृत भी दस्तावेजों के पूरा नहीं होने के कारण रुक जाती है। जिससे योजना के आवेदन को लेकर कई बार विभाग कृषक को विभाग का चक्कर लगाना पड़ता । ऐसे में आवेदन प्रक्रियाओं को लेकर भी किसान उत्सुकता कम हो गई है। जबकि शासन का दावा रहता है कि योजना का लाभ हर कृषक को मिले।
परिणाम के बढ़ेंगे आवेदन
विभागीय अधिकारियों की माने तो आवेदन पर तुरंत कार्रवाई किया जाता है। विभागीय नियमों के तहत कृषकों को योजना का लाभ मिले, लेकिन नियम व शर्तो का भी पालन करना पड़ता है। हालांकि चुनाव परिणाम के बाद आवेदनों की स्थिति में सुधार होंगे। कई आवेदन विभाग को मिले है जिस पर विचार परिणाम के बाद होंगे।
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