भोपाल/रायपुर। मध्यप्रदेश के सीधी जिले में छत्तीसगढ़ से आये 5 वन हाथियों को कानून के विरूद्ध बन्धक बनाने के मामले में छत्तीसगढ़ निवासी ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मध्यप्रदेश के श्री शाहबाज अहमद के विरूद्ध वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम की धारा 11(1)(a) के प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी गई है।
क्या है हाथी को बन्धक बनाने के प्रावधान:-
रायपुर निवासी सामाजिक कार्यकत्र्ता एवं विधि के छात्र ब्यास मुनि द्विवेदी ने मुकदमा चलाने की अनुमति मांगने के बाद बताया कि हाथी वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम की अनुसूची 1 का प्राणी है तथा अधिनियम की धारा 11(1)(a) के प्रावधान के अनुसार – इस प्रकार पकड़े गये प्राणी को बंदी नहीं रखा जा सकता जब तक अर्थात् प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) इस बात से संतुष्ट न हो जावे कि हाथी को वन में पुनः स्थापित नहीं किया जा सकता तथा इसके लिये प्रधान मुख्य वन संरक्षक को कारण भी बताने पडेंगे कि एैसे प्राणी को वन में पुनः स्थापित क्यों नहीं किया जा सकता।
क्यों गलत है आदेश और क्या है सजा का प्रावधान:-
प्रावधान से पूर्णः अवगत होने के बावजूद प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) ने आदेश जारी किये कि 5 हाथियों को सीधी जिले से रेस्क्यू कर बान्धवगढ़ टाईगर रिजर्व, उमरिया में क्राल में रखा जावे जो कि अधिनियम का खुला उल्लंघन है। हाथी वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम में अनुसूची 1 का प्राणी है तथा अधिनियम अनुसूची के प्राणी के प्रावधानों का उल्लंघन होने पर 3 से 7 वर्ष की सजा तथा रू. 25 हजार पेनाल्टी का भी प्रावधान है।
क्या कोई नागरिक मुकदमा दायर कर सकता है:-
द्विवेदी ने बताया कि किसी भी वन अपराध के लिये कोई नागरिक भी कोर्ट में वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम की धारा 55 के तहत दो माह का नोटिस देकर दोषियों के खिलाफ मुकदमा दायर कर सकता है और चूंकि प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी होते है, अतः भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भी नोटिस दिया गया है।
क्या मध्यप्रदेश का वन विभाग देश के संविधान से बड़ा है:-
द्विवेदी ने कहा कि मध्यप्रदेश वन विभाग, देश के संविधान से अपने को बड़ा समझ कर कार्य कर रहा है। हाथियों को नहीं मालूम होता है कि कहां छत्तीसगढ़ की सीमा खत्म हो रही है और कहां मध्यप्रदेश की चालू। परंतु मध्यप्रदेश के वन अधिकारियों ने ठान ली है कि जो हाथी छत्तीसगढ़ से आयेगा उसे बन्धक बना लेंगे और हाथियों को बन्धक बना कर टूरिज्म के काम में लायेंगे। गत वर्ष भी एक हाथी को बन्धक बना कर बान्धवगढ़ में ऐलीफेन्ट सफारी कराई जाती है।
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