बिलासपुर। राजनीति में बगावत आसान नही है, भाजपा के एक नेता को पार्टी से बगावत करना महंगा पड़ गया। कोटा विधानसभा निवासी पूरन छाबरिया बिलासपुर कलेक्टर परिसर में विधान सभा बिलासपुर से नामंकन फार्म खरीदने कार्यालय के अंदर जैसे ही प्रवेश किया उस समय पुलिस ने घर दबोचा और गिरफ्तार कर लिया गया। ज्ञात हो कि भाजपा के कद्दावर मंत्री अमर अग्रवाल बिलासपुर विधानसभा से ही चुनाव लड़ने वाले है। पूर्व में भी इसी विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए हैं।
सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित जिला निर्वाचन कार्यालय में नामांकन फार्म खरीदने आए पूरन छाबरिया को पुलिस ने ना सिर्फ डंडों से पीटा बल्कि उन्हें एक पुराने मामले का हवाला देकर कलेक्ट्रेट परिसर से ही गिरफ्तार कर लिया ।
मिली जानकारी के अनुसार उनके भाई के ढाबे में आबकारी और पुलिस विभाग द्वारा छापा भी मारा गया था, जिसमें पुलिस को कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई थी। उन्होंने बताया कि पेंड्रा थाने में उनके द्वारा लिखित में शिकायत करते हुए जान माल का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग भी की गई है।
इसके पूर्व दोपहर लगभग 2:00 बजे पूर्ण छाबरिया अपने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां उन्होंने बिलासपुर विधानसभा से नामांकन फार्म भी खरीदा था।
पुलिस ने भाजपा नेता पूरन छाबरिया की गिरफ्तारी की पुष्टि की है साथ ही उन पर कई मामले पहले से दर्ज होने की जानकारी एसजी न्यूज को दी है।
सवाल यह कि नामांकन भरने के पहले छाबड़िया के अपराध पुलिस को क्यों नही दिखाई दे रहे थे? जनता यह जानना चाहती है कि क्या यह राजनीतिक गिरफ्तारी है या कुछ और?
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