अबागढ चौकी। हरदीप सिंह। शादी के बाद दूसरी मोहब्बत हमेशा गले की हड्डी बनती है। और ये सीधे जेल के रास्ते तक जाती है। इसका जीत जगता सबूत है दिल दहला देने वाला राजनांदगांव जिले के हत्याकांड। दीवानगी ,ब्लैक मेलिंग ,और दरिंदगी. के साथ वीभत्स हत्याकांड को और कोई नहीं पुलिस विभाग के एक सब इंस्पेक्टर ने इस हृदय विदारक घटना को अंजाम दिया है।
पत्रकार वार्ता में जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया अंबागढ़ चौकी एसडीओपी की रीडर आरती कुंजाम हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा लिया है। 20 तारीख से लापता अंबागढ़ चौकी पुलिस अनुविभागीय कार्यालय की रीडर आदिवासी महिला आरक्षक के 23 तारीख को डोंगरगांव के बगदई नदी में तैरती हुई मिली लाश के बाद सनसनी फैल गई थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हत्या में तब्दील हुई इस घटना को लेकर जो खुलासा हो रहा है वह हैरान कर देने वाला है। महिला आरक्षक का कातिल और कोई नहीं अंबागढ़ चौकी में पदस्थ सब इंस्पेक्टर ही महिला आरक्षक के हाथ, पैर, सर, काट के मौत के घाट उतारा था, आरोपी सब इंस्पेक्टर नाम डी पी नापित बताया जा रहा है। आरोपी की कार और कुल्हाड़ी जो अपराध में उपयोग की गई पुलिस ने बरामत कर लिया है। आरोपी सब इंस्पेक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
दो अलग-अलग नदियों में बहाया काटकर लाश
सिलसिलेवार घटना की मिली जानकारी के अनुसार आरक्षक महिला 20 अगस्त से गायब थी, 20 को ही गाला दबाकर हत्या कर दी गयी थी उसके बाद 21 तारीख को पास के मेरे गांव से कुल्हाड़ी लेकर हाथ पैर और सर काटकर अलग अलग कर दिया था। जबकि कटे हुए शेष बचे नग्न लाश को डोंगरगांव के बगदई नदी में बहा दिया। कुल मिलाकर 20 से लेकर 23 अगस्त तक लगातार घटना को अंजाम देता रहा है। 23 अगस्त से अपराधी सब इंस्पेक्टर छुट्टी लेकर गायब हो गया जिससे किसी को उसके ऊपर सहके न हो।
पुलिस की कार्यवाही भी शक के घेरे में, उठ रहे सवाल
चूंकि हर दिन पुलिस में सुबह शाम पूरे स्टाफ की गिनती होती है और जब खुद एसडीओपी की रीडर बिना छुटटी लिए और बिना किसी सूचना के गायब होने के बाद पुलिस थाना या एसडीओपी ने यह जानकारी लेने की जरूरत नही समझी की उसका स्टाफ कहा गायब है। जबकि यह जिला नक्सल प्रभावित भी आता है। ना ही महिला आरक्षक के घर पर सूचना दी गयी?
आसपास के लोग अब यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या पुलिस को घटना की जानकारी पहले से थी और कुछ छुपाना छह रही थी? अगर लाश बहकर किनारे नही लगती तो शायद मामला उजागर नही होता?
आदिवासी समाज ने की फांसी की मांग।
सर्व आदिवासी सामाज ने घटना को लेकर एक बैठक आयोजित की है। समाज ने अपराधी को फांसी की सजा की मांग की है।
ब्लैकमेलिंग का हो सकता है मामला
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनों के बीच प्यार मोहबत का चक्कर था, चूंकि सब इन्स्पेक्टर पहले से शादीसुदा तथा बच्चे वाला था इसलिए बात धीरे धीरे बिगड़ती गयी। शादी का दवाव या किसी ब्लैकमेलिंग का इतना दवाव बढ़ा की पीछा छुड़ाने के लिए अपराधी सब इंस्पेक्टर ने आरक्षक आरती कुंजाम की हत्या कर डाली। हालांकि इस बात की अभी तक पुलिस ने खुलासा नही किया कि दोनों के बीच क्या विवाद था।
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