दुर्ग। रीतेश तिवार। पिछले 13 दिनों से तेजी से बढ़ रहे डेंगू के प्रकोप ने भिलाई दुर्ग में 9 बच्चे समेत 12 लोगो को मौत की नींद सुला चुका है। 205 लोग डेंगू की बीमारी से लड़ाई लड़ रहे है, हजारो की संख्या में संदिग्ध मरीज अलग अलग अस्पतालों में भर्ती किये गए है।
आप को बता दे शुरआती तौर पर ही डेंगू के लक्षण पीड़ितों में दिखने लगे थे लेकिन स्वास्थ महकमा और जिला प्रशासनिक अमला जो अब ततपरता दिखाने में जुटा हुआ है उस वक्त स्मार्ट मोबाइल बाटने में जुटा हुआ था। टारगेट था एक माह के अंदर दो लाख मोबाइल लोगो को हर हाल में बाटो चाहे जो करना पड़े। नतीजा सभी अफसर स्मार्ट फोन के शिविरों में चक्कर काट रहे थे।
भिलाई सेक्टर 9 अस्पताल ने पहले ही बता दिया था कि कई मरीज रोज आ रहे है और इन सब में डेंगू के लक्षण है, लेकिन जिला स्वास्थ्य विभाग वाइरल बुखार समझता रहा और नतीजा 12 मासूमो की मौत हो गई हजारो लोग संदिग्ध के दायरे में अटक गये 30 से 35 बच्चे निजी अस्पताल में भर्ती हो गए । लगातार हो रही डेंगू से मौत और मीडिया की खबरों के बाद सरकार भी एक्शन मूड पर दिखाई दी।
आनन फानन में मुख्य सचिव को भिलाई दौरे में भेजा गया तत्काल दुर्ग सीएमएचओ डॉ सुभाष पांडे को हटाया गया उनकी जगह डॉ गंभीर सिंह ठाकुर को पदस्थ किया गया लेकिन । रायपुर से स्वास्थ्य अमले की टीम भेजी गई हर वार्ड में दवाई का छिड़काव तेजी से किया जाने लगा अधिकारी कर्मचारियों ने भी मोर्चा सँभाला लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी 12 मासूम मौत के मुह में समा चुके थे। भिलाई के बाद अब दुर्ग में भी डेंगू ने अपनी दस्तक दी है दुर्ग के तकियापरा, आदर्श नगर, विधुत नगर सुभाष नगर में 4 संदिग्ध मरीज मिले है, जिन्हें निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
भिलाई में तेजी से बढ़ रहे डेंगू को लेकर स्वास्थ महकमा कितना संवेदनसील है ये आप दुर्ग शहर में मिल रहे मरीजो से अंदाजा लगा सकते है। दुर्ग शहर में डेंगू की सूचना मिलते ही नगर निगम दवाइयों के छिड़काव में जुट गया है । वैसे आप को बता दे स्वक्षता सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ तीसरे स्थान पर है और दुर्ग को तो कई बार स्वक्षता मिशन के तहत अवार्ड मिल चुका है। लेकिन फैल रही बीमारी ने निगम की पोल खोल दी है। पूरे शहर में गंदगी ही गंदगी फैली हुई है। कागजो में सिर्फ सफाई अभियान चल रहा है नजर घुमा कर तो देखे सब दिख जाएगा। लेकिन गंभीर बीमारी फैलने का कारण प्रशासन सिर्फ लोगो के घरों में लगे कूलर को ही ठहरा रहा है।
कलेक्टर उमेश कुमार अग्रवाल और एडीएम संजय अग्रवाल ने लोगो को जागरूक होने सतर्क रहने मच्छरों से बचने की अपील की है साथ ही सभी पीड़ित डेंगू या कोई संदिग्ध मरीज का इलाज जिले के कई निजी अस्पतालों में निशुल्क करने का फरमान भी जारी किया है। हजारो की संख्या में लोग कई अस्पतालों में भर्ती भी है। हालात बिगड़ते देख डीएम उमेश कुमार अग्रवाल ने आपात बैठक बुला कर सभी अधिकारियों कर्मचारियों को डेंगू के रोकथाम के लिए शाक्त निर्देश दिए है साथ ही सभी की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई है। डेंगू को लेकर राज्य सरकार भी भड़की हुई है ।
सूत्रों की माने तो जल्द ही कई अधिकारियों पर गाज गिरने वाली है। जिला प्रशासन तो अपना काम देर से ही सही लेकिन तेजी से करने लगा है है लेकिन मासूम बच्चो के मौत के बाद भी भाजपा के कई मंत्री खास कर स्वास्थ मंत्री अजय चंद्रकार ने पीड़ित परिजनों से न मुलाकात की और न ही जिले का दौरा करना उचित समझा सरकार के स्मार्ट फोन स्मार्ट टिफिन और भी बहुत कुछ स्मार्ट समग्री बाटने में जुटे हुए है।
वही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने डेंगू से हुई मौतों के लिए कलेक्टर को जुम्मेदार ठहराया है और कलेक्टर उमेश कुमार पर एफआईआर करने के मांग की है। भूपेश के मुताबिक बीजेपी नेत्री सरोज पांडे और मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे की आपसी लड़ाई के चलते कलेक्टर ने कुछ किया ही नही नतीजा 12 मौत हो गई। अभी भी वक्त है साफ सफाई का रखे पूरा ध्यान। पानी को जमा न होने दे । मच्छरों से बचे। संदेह होने पर तत्काल किसी भी निजी सरकारी अस्पताल में इलाज कराये सभी जगह कलेक्टर ने फ्री इलाज करने की सुविधा की है। सावधान रहें सतर्क रहें मच्छरों से बचे।
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