दिल्ली। इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन(ईवीएम) में गड़बड़ी की संभावना को लेकर चल रही चर्चा और विपक्षी पार्टियों की बैलेट से वोटिंग कराने की मांग के बीच सुप्रीम कोर्ट ईवीएम की निगरानी को लेकर एक याचिका पर सुनवाई करेगी। सर्वोच्च अदालत में एक याचिका दायर कर मांग की गई है कि सुरक्षा जांच के बाद ईवीएम तक सिर्फ अधिकृत इंजीनियरों की ही पहुंच होनी चाहिए। सर्वोच्च अदालत मंगलवार को इस मामले पर दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए तैयार हो गई।
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने हालांकि इस याचिका पर नोटिस जारी नहीं किया लेकिन उसने याचिकाकर्ता से कहा कि वह चुनाव आयोग के वकील को इसकी एक प्रति सौंपे। पीठ ने इस याचिका को दो हफ्ते बाद सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया है। यह याचिका उत्तराखंड के रहने वाले है।
याचिकाकर्ता ने ईवीएम तक पहुंच के लिए अधिकृत इंजीनियरों की सूची प्रकाशित करने और इसे चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिका में इस सूची को आयोग की वेबसाइट पर भी डालने के निर्देश देने अनुरोध भी किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि चुनावों के दौरान ईवीएम के रखरखाव इलेक्ट्रोनिक्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया और भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड के अधिकृत इंजीनियर करते हैं। याचिका में इन दोनों सरकारी उपक्रमों को भी पक्षकार बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि सार्वजनिक दायरे में उपलब्ध जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग के इस दावे के बावजूद कि सिर्फ इन दोनों उपक्रमों के कर्मचारियों की ही ईवीएम तक पहुंच होती है, पता चला है कि इलेक्ट्रोनिक्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ काम करने वाले कई सलाहकारों की भी ईवीएम तक पहुंचते है, जो कि चुनाव आयोग के ईवीएम और वीवीपीएटी के बारे में मैनुअल के खिलाफ है।
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