रायपुर। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली आयुष्मान भारत योजना-जन आरोग्य योजना का पायलट प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ के एक हजार 033 अस्पतालों में 16 सितंबर की रात 12 बजे के तत्काल बाद शुरू हो गया है। इसमें राज्य के 608 सरकारी और 325 प्राइवेट अस्पतालों को मिलाकर 933 अस्पतालों को शामिल किया गया है।
राज्य के लगभग 40 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री की इस योजना में शामिल करने की तैयारी की गई है। इन परिवारों का कोई सदस्य अगर किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होता है, तो योजना के तहत उसे इलाज के लिए पांच लाख रूपए तक कैशलेस सहायता मिल सकेगी। पात्रता रखने वाले परिवारों को आयुष्मान कार्ड जारी किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं दी है और प्रदेशवासियों से योजना का लाभ उठाने की अपील की है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने विभागीय अधिकारियों को पायलट प्रोजेक्ट की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य संचालनालय के आयुक्त श्री आर. प्रसन्ना ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट में 150 से ज्यादा प्रकरण इलाज के लिए अस्पतालों को भेजे गए और मरीजों को इसका लाभ दिलाया गया। उन्होंने बताया कि योजना का सॉफ्टवेयर नया होने के कारण इसमें तकनीकी दिक्कतों के निराकरण के लिए नई दिल्ली से विशेषज्ञों की टीम कल 17 सितम्बर को रायपुर आएगी।
स्वास्थ्य संचालनालय के आयुक्त ने बताया कि आम जनता को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की जानकारी आसानी से मिल सके, इसके लिए टोल फ्री नम्बर 104 पर सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस टोल फ्री नम्बर पर एक दिन में 245 लोगों ने पायलट प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी ली है। आयुष्मान भारत-जन आरोग्य योजना के तहत मरीज अपने पूर्व में जारी स्मार्ट कार्ड, आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड लेकर किसी भी पंजीकृत अस्पताल में इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। इलाज के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर मरीज अस्पताल में आयुष मित्र से मिलकर अपनी समस्या का निराकरण करवा सकते हैं।
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