बालोद। डिलेश्वर देवांगन। विगत डेढ़ माह से कामबंद लामबंद किये छग के 108 व 102 कर्मचारी अब तक अपने कार्यों पर वापस नहीं पहुंचे हैं। नतीजा आज पूरे छग में आपातकालीन व्यवस्था चरमरा गई है। कुछ दिनों पहले धरने पर बैठे कर्मचारियों को उनके विभिन्न मागों को लेकर आश्वासन मिला तब कर्मचारियों ने धरना खत्म किया लेकिन आश्वासन पूर्ण नहीं होने से फिर से जिले के 108 व 102 कर्मचारियों में नाराजगी देखी जा रही है। वहीं धरना प्रदर्शन खत्म कर जैसे ही अपने कार्य में वापस लौटने गये तो कंपनी की ओर से एक नया पैतरा सामने आया जो शपथ पत्र था। जी हां कर्मचारियों को विभिन्न शर्तों के पालन के लिए शपथपत्र भरना होगा तभी कर्मचारी अपने कार्य में वापस लौट सकते हैं लेकिन जिले के 108 व 102 कर्मचारियों ने शपथपत्र भरने से इनकार कर दिया और आगे भी मांग पूरी नहीं होने तक काम बंद लाम बंद करने की बात कह रहे हैं।
16 जुलाई से जीव्हीके कंपनी की ओर से नियुक्त किये गये 108 व 102 कर्मचारी हड़ताल पर बैठे थे जो कि 25 अगस्त को आंदोलन आश्वासन पर खत्म कर दिया था और दो दिनों बाद अपने कार्य पर वापस लौटने की तैयारी थी। लेकिन कंपनी की ओर से कर्मचारियों के लिए एक शपथ सह घोषणा पत्र भरने के बाद ही कार्य पर वापस लौटने हेतु निर्देशित किये थे।
बालोद जिले के 108 व 102 कर्मचारियों ने कहा कि यह शपथ पत्र संघ को मान्य नहीं है। छग के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर, स्वास्थ्य संचालक व भारतीय मजदूर संघ के साथ 108 व 102 संघ की बैठक में यह चर्चा हुई थी कि बिना किसी शर्त के जीव्हीके सभी कर्मचारियों को ज्वाईनिंग दे। अगर शपथ पत्र 108 व 102 के कर्मचारियों को भराया जाता है तो यह लोकतंत्र का हनन होगा। इस तरह से जीव्हीके को निर्देशित किया गया था लेकिन जीव्हीके कंपनी के एचआर हेड ने मना कर दिया और जानकारी दी कि बिना शपथ पर के ज्वाइनिंग नहीं दिया जायेगा।
क्या कहता है शपथ सह घोषणा पत्र
कर्मचारियों को कार्य में वापस लौटने से पहले कुछ नियम कायदों को पालन करने हेतु कंपनी की ओर से शपथ सह घोषणा पत्र तैयार किया गया था जिसमें दर्शाया गया था कि 16 जुलाई से कर्मचारी कल्याण संघ द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल का आव्हान किया गया था जिसमें मैं सम्मिलित था। 15, 18, 19 व 31 जुलाई को नोटिस एवं एसएमएस जारी कर सूचित किया गया था कि उक्त हड़ताल में सम्मिलित न होकर अपने निर्धारित स्थान पर ड्यूटी ज्वाईन करें। मुझे इस बात का पूरा संज्ञान है कि 16 जुलाई से 108,102 कर्मचारी कल्याण संघ के द्वारा आहुत हड़ताल को श्रम न्यायालय रायपुर व उपश्रमायुक्त द्वारा आदेश पारित कर अवैधानिक व निषिद्ध घोषित कर दिया गया है। उपरोक्त कृत्यों के लिए जीव्हीके, ईएमआरआई प्रबंधन से क्षमा प्रार्थी हुं एवं यह विश्वास दिलाता हुं कि भविष्य में कभी भी इस प्रकार की अवैधानिक गतिविधियों में सम्मिलित नहीं रहुंगा तथा न ही ऐसा कोई कृत्य करूंगा जिससे जीव्हीके व ईएमआरआई संस्था व 108,102 की छवि धूमिल हो। यह विश्वास दिलाता हुं कि जीव्हीके, ईएमआरआई संस्थ के सेवा शर्तों के अनुसार अपना कार्य करूंगा व संस्था के सभी नियम व शर्तां के अनुशासन का पालन करूंगा। संस्था के किसी भी प्रकार के दस्तावेज व अन्य गोपनीय जानकारी किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को प्रदान नहीं करूंगा व अपने अधिकारी के दिशा निर्देशों का पालन करूंगा। मुझे विदित है कि 108,102 अति आवश्यक सेवा है अतः किसी भी प्रकार से अपने कार्य में लापरवाही या किसी भी प्रकार से ऐसा कृत्य जिसमें सेवाएं प्रभावित व बाधित हो ऐसा कृत्य नहीं करूंगा। मैं संस्था द्वारा निर्धारित सभी मापदण्डों को मानक स्तर पर बनाये रखूंगा।
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