दुर्ग, रीतेश तिवारी, 19 अप्रैल 2019. देश में लाकडाउन के चलते दुर्ग के धमधा तहसील में इन दिनों किसानों को बड़ी मार झेलनी पड़ रही है। कई किसानों के हालात बत्तर होते जा रहे है। ऐसे है जिले के एक किसान महेंद्र सिंह ने एसजी न्यूज़ नेटवर्क को बताया कि उनके 160 एकड़ खेत मे फल सब्जियां लगी हुई थी, लाकडाउन के चलते कही से कोई मांग नही हुई जिसके कारण तीस एकड़ में लगी लौकी और 38 एकड़ में लगी शिमला मिर्च बर्बाद हो गई यही हाल बाकी केले और पपीते का भी है। करोड़ो रूपये का नुकशान झेलना पड़ रहा है। बहुत सारी सब्जियां तो निशुल्क बाट चुके है लेकिन उत्पादन इतना है कि कोई खरीदने वाला नही है। पहले यही सब्जियां और फल छत्तीसगढ़ के अलावा कई अन्य राज्यो में बेचा करते थे लेकिन कोरोना और लाकडाउन के चलते कही से कोई आर्डर नही मिला नतीजा करोड़ो की सब्जियां और फल को खेत मे फेकने के अलावा कोई और दूसरा विकल्प नही बचा। समय पर अगर सब्जियों और फलों को नही पहुचाया जाता तो ये किसी के उपयोग करने लायक नही बचती।
आप को बता दे प्रदेश का दुर्ग जिला ऐसा जिला है जहां से खास कर धमधा तहसील क्षेत्र से कई राज्यो को सब्जी फल की सप्लाई की जाती थी लेकिन लाकडाउन और कोरोना के चलते कोई एक रुपये के भाव भी नही खरीद रहा है मजबूरन कई किसान इसे खेतो में फेकने को मजबूर है।
एक तरफ राज्य सरकार ऑनलाइन फल और सब्जियां बेचने की बात कह रही है तो वही कई किसान अपनी सब्जियां और फल को खराब होने से नही रोक पा रहे है और खेतों में फेंक रहे है जब किसान के पास फल और सब्जियां रहेगी ही नही तो सरकार ऑनलाइन क्या बेचेगी ये समझ से परे है। जरूरत है राज्य सरकार को ऐसे किसानों से त्वरित संपर्क कर के उनकी फसल खरीदे और उन्हें उचित मूल्य दे ताकि लाकडाउन में सरकार ऑनलाइन में मिलने वाली सब्जियां और फल का प्रबन्ध कर सके ।
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